न्यूज डेस्क: चीन अपने यहां अल्पसंख्यक मुसलमानों पर नियंत्रण को और मजबूत करने के लिए एक राजनीतिक अभियान की शुरुआत करने वाला है। इसके लिए एक पंचवर्षीय योजना बनाई जा रही है जिसके तहत इस्लाम का चीनीकरण किया जाएगा ताकि इस्लाम को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विचारों के अनुरूप किया जा सके।
इस पांच वर्षीय योजना को अभी सार्वजनिक तो नहीं किया गया है लेकिन इसके मसौदे को लेकर 6 और 7 जनवरी को हुई बैठक के बाद चाइनीज इस्लामिक एसोसिएशन की वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज में इसका जिक्र है।
कथित तौर पर इस मसौदे का मकसद इस्लाम को और ज्यादा 'चीनी' बनाना है। राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिमों को संगठित करने और उनका प्रतिनिधित्व करने वाले एक औपचारिक निकाय चाइनीज इस्लामिक एसोसिएशन का कहना है कि इस योजना में इस्लाम में चीन के साम्यवादी सिद्धांतों के अनुसार बदलाव किए जाएंगे।
बीजींग में चाइना इस्लामिक इंस्टीट्यूट के वाइस डीन गाओ जैनफु ने 6 जनवरी को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में इस बदलाव के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, ''इस्लाम के चीनीकरण का मतलब उसकी मान्यताओं, रीति-रिवाजों और विचारधारा को बदलना नहीं है बल्कि उसे समाजवादी समाज के अनुकूल बनाना है।''
अखबार कहता है कि चीन में ही मौजूद इस्लामिक समुदायों ने ''अपने राजनीतिक रुख में सुधार करके और पार्टी के नेतृत्व का अनुकरण करके उनके धर्म के चीनीकरण के लिए आग्रह किया है। चीन दिन प्रतिदिन अपने देश में इस्लाम पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा रहा हैं।
इस पांच वर्षीय योजना को अभी सार्वजनिक तो नहीं किया गया है लेकिन इसके मसौदे को लेकर 6 और 7 जनवरी को हुई बैठक के बाद चाइनीज इस्लामिक एसोसिएशन की वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज में इसका जिक्र है।
कथित तौर पर इस मसौदे का मकसद इस्लाम को और ज्यादा 'चीनी' बनाना है। राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिमों को संगठित करने और उनका प्रतिनिधित्व करने वाले एक औपचारिक निकाय चाइनीज इस्लामिक एसोसिएशन का कहना है कि इस योजना में इस्लाम में चीन के साम्यवादी सिद्धांतों के अनुसार बदलाव किए जाएंगे।
बीजींग में चाइना इस्लामिक इंस्टीट्यूट के वाइस डीन गाओ जैनफु ने 6 जनवरी को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में इस बदलाव के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, ''इस्लाम के चीनीकरण का मतलब उसकी मान्यताओं, रीति-रिवाजों और विचारधारा को बदलना नहीं है बल्कि उसे समाजवादी समाज के अनुकूल बनाना है।''
अखबार कहता है कि चीन में ही मौजूद इस्लामिक समुदायों ने ''अपने राजनीतिक रुख में सुधार करके और पार्टी के नेतृत्व का अनुकरण करके उनके धर्म के चीनीकरण के लिए आग्रह किया है। चीन दिन प्रतिदिन अपने देश में इस्लाम पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा रहा हैं।
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