यूपी में भवन निर्माण के लिए 5 नई नियमावली जारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण के लिए इम्पैक्ट और परमिट फीस वसूलने के नए नियम जारी किए हैं, जिससे विकास प्राधिकरणों को अवस्थापना संबंधी कार्यों को संचालित करने में मदद मिलेगी। इन नए नियमों के अनुसार, उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम-1973 के तहत विकास प्राधिकरणों द्वारा विभिन्न प्रकार की फीस वसूली जाएगी, जो भूमि के आकार और उपयोग के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

नए नियमों के तहत, भूमि के आकार और उपयोग के हिसाब से विभिन्न फीस संरचनाएं निर्धारित की गई हैं। उदाहरण के लिए, एक हेक्टेयर भूमि पर 10,000 रुपये विकास परमिट फीस लगेगी, जबकि भवन परमिट फीस न्यूनतम 5 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी। 

इसी तरह, भूमि के आकार के अनुसार विकास परमिट फीस भी बढ़ेगी। प्रदेश में 2.5 हेक्टेयर भूमि पर 20,000 रुपये, 5 हेक्टेयर पर 30,000 रुपये और 5 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर प्रत्येक 5 हेक्टेयर के लिए 15,000 रुपये अतिरिक्त फीस देनी होगी।

वहीं, भवन परमिट फीस भी भूमि के उपयोग के हिसाब से भिन्न-भिन्न होगी। आवासीय भूखंडों पर 5 रुपये प्रति वर्ग मीटर, समूह आवास पर 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर और वाणिज्यिक कार्यालयों या अन्य व्यापारिक प्रयोजनों पर 30 रुपये प्रति वर्ग मीटर की फीस ली जाएगी। इसके अतिरिक्त, विकास परमिट के लिए 10 रुपये और भवन परमिट के लिए 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर निरीक्षण फीस निर्धारित की गई है।

जबकि, इम्पैक्ट फीस की दरें पहले की तरह ही रखी गई हैं। भूमि के उपयोग के हिसाब से, निम्न भूमि उपयोग (जैसे कृषि भूमि या ग्रीन बेल्ट) से उच्च भूमि उपयोग (जैसे वाणिज्यिक भूमि) में इम्पैक्ट फीस डेढ़ गुना तक बढ़ाई जा सकती है। इन सभी शुल्कों से प्राप्त होने वाली आय को अवस्थापना विकास निधि में जमा किया जाएगा, जिसका उपयोग शहरों के विकास कार्यों में किया जाएगा।

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