AAP या BJP? नए सर्वे में कौन जीत रहा है दिल्ली?

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर विभिन्न सर्वे रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का कारण बन रही हैं। इनमें से टाइम्स नाउ जेवीसी पोल, सी-वोटर सर्वे और NACDOR सर्वे का विश्लेषण सबसे अहम है। इन सर्वे रिपोर्ट्स में दिल्ली में आगामी चुनावों के परिणाम को लेकर कई दिलचस्प बिंदुओं पर चर्चा की गई है।

टाइम्स नाउ जेवीसी पोल: करीबी मुकाबला

टाइम्स नाउ जेवीसी पोल के मुताबिक, दिल्ली में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस सर्वे में यह अनुमान जताया गया है कि आम आदमी पार्टी की सीटों में गिरावट हो सकती है। हालांकि, सर्वे में यह भी बताया गया है कि महिला वोटर्स इस बार चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

महिला वोटर्स के लिए किए गए वादे, जैसे मुफ्त सेवाएं और कल्याणकारी योजनाएं, खासकर दिल्ली के वोटर्स को आकर्षित कर रही हैं। सर्वे का निष्कर्ष यह है कि इस बार आम आदमी पार्टी की सीटों में गिरावट हो सकती है, लेकिन चुनाव परिणाम पूरी तरह से अनिश्चित है और महिला वोटरों का रुझान महत्वपूर्ण होगा।

सी-वोटर सर्वे: फिर से AAP की सरकार?

सी-वोटर सर्वे के अनुसार, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को फिर से सत्ता में आने की संभावना है। इस सर्वे में 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी एक बार फिर सत्ता में आ सकती है। वहीं, 42 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस बार सत्ता परिवर्तन हो सकता है और भाजपा दिल्ली की सरकार बना सकती है।

दिल्ली में भाजपा के पक्ष में रुझान बढ़ने का कारण यह है कि जिन लोगों ने सत्ता बदलने की इच्छा जताई, वे कांग्रेस की जगह भाजपा को अपना समर्थन दे सकते हैं। सर्वे में यह भी कहा गया है कि इस बार विधानसभा चुनावों में भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं। हालांकि, करीब 10 से 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि चुनाव परिणाम काफी असमंजस में रह सकते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह चुनाव कांटे की टक्कर वाला हो सकता है।

NACDOR सर्वे: दलित वोटर्स का महत्व ज्यादा 

राष्ट्रीय दलित संगठनों के परिसंघ (NACDOR) ने दलित समुदाय के वोटर्स पर आधारित एक सर्वे किया, जिसमें दिल्ली के 6,256 लोगों को शामिल किया गया। इस सर्वे के अनुसार, दलित वोटर्स का झुकाव इस बार आम आदमी पार्टी की ओर अधिक है।

सर्वे में पाया गया कि 44 प्रतिशत दलित वोटर आम आदमी पार्टी को वोट देने की योजना बना रहे हैं, जबकि 32 प्रतिशत भाजपा और 21 प्रतिशत कांग्रेस के पक्ष में हैं। NACDOR सर्वे के अनुसार, दलित समुदाय की तरफ से आम आदमी पार्टी को 35 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा को 28 और कांग्रेस को सात सीटों का समर्थन मिल सकता है।

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