राज्य सरकार ने कर्मचारियों से पोर्टल पर अपनी चल और अचल संपत्ति का पूरा विवरण देने का निर्देश दिया था। यह प्रक्रिया 2024 के अंत तक पूरी होनी थी, लेकिन अब अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 निर्धारित की गई है। हालांकि, गुरुवार तक केवल 52 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही पोर्टल पर अपनी संपत्ति की जानकारी दी है। यह आंकड़ा कुल 8.32 लाख कर्मचारियों में से 4.33 लाख का है। बाकी 48 प्रतिशत कर्मियों ने अब तक अपना विवरण नहीं भरा है।
सरकार का कहना है कि कर्मचारियों द्वारा संपत्ति का विवरण न देने से पारदर्शिता और जवाबदेही में कमी आ रही है। खासकर ऐसे समय में जब सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति की जांच और संपत्ति निर्धारण को लेकर सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं। इसके अलावा, सरकार ने यह भी साफ किया है कि जो कर्मचारी इस कार्य में लापरवाही बरतेंगे, उनकी पदोन्नति और वेतन वृद्धि पर प्रभाव पड़ेगा।
इस दिशा में राज्य सरकार ने आदेश जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। इसके तहत उन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है जो बिना उचित कारण के संपत्ति विवरण नहीं देंगे। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए है, बल्कि यह भ्रष्टाचार पर भी रोक लगाने में मदद करेगा।
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