बता दें की इस खोज की शुरुआत भूमि सर्वे से हुई थी, जब बेतिया राज की 708 एकड़ अतिरिक्त जमीन का पता चला था। इसके बाद से खोज जारी रही और अब तक कुल 1608 एकड़ भूमि की खोज की जा चुकी है। इसका मतलब है कि बेतिया राज की संपत्ति में एक और 850 एकड़ जमीन का पता चला है।
इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार ने अभिलेखों के स्कैनिंग और डिजिटलाइजेशन का काम भी शुरू किया है। इसके लिए दो दर्जन से अधिक कर्मियों की एक टीम बनाई गई है, जो इन अभिलेखों की स्कैनिंग का काम कर रही है। यह काम बेतिया राज की जमीनों के ऐतिहासिक अभिलेखों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ भूमि विवादों को सुलझाने में भी मदद करेगा।
इस खोज के बाद अब बेतिया राज की भूमि सर्वे में शामिल कुल जमीन का आंकड़ा 1608 एकड़ तक पहुंच चुका है, जो आगे चलकर राज्य की संपत्ति के मूल्यांकन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पूरी प्रक्रिया से यह भी साबित होता है कि राज्य सरकार अपनी जमीनों के सही वितरण और संरक्षण की दिशा में गंभीर है।
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