भारत का GDP ग्रोथ 6.3% से 6.8% रहने का अनुमान

नई दिल्ली: भारत का आर्थिक सर्वे 2024-25 के लिए सरकार द्वारा 31 जनवरी को पेश किया गया है, जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष यानी FY26 (1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026) के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.3% से 6.8% के बीच रखा गया है। यह ग्रोथ अनुमान भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के विकास के संकेत देता है, जिसमें विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों का असर होगा। 

GDP ग्रोथ का अनुमान:

इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में 2024-25 में लगातार विकास की उम्मीद है और आगामी वित्तीय वर्ष FY26 में 6.3% से 6.8% तक की विकास दर का अनुमान है। यह भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि को दर्शाता है, जो मुख्य रूप से कृषि, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र और निर्यात के योगदान से प्रभावित होगा।

GST कलेक्शन में वृद्धि:

सर्वे में यह भी अनुमानित किया गया है कि 2024-25 के लिए GST कलेक्शन 11% बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। GST (Goods and Services Tax) कलेक्शन में वृद्धि का मतलब है कि देश में व्यापारिक गतिविधियां सक्रिय हैं और सरकार की टैक्स संग्रहण व्यवस्था प्रभावी हो रही है। यह व्यापारिक विकास और उपभोक्ता खर्च की बढ़त को भी दर्शाता है।

महंगाई दर में गिरावट:

दिसंबर 2024 में भारत में महंगाई दर 4 महीने के निचले स्तर 5.22% पर पहुंच गई। इससे पहले नवंबर में यह दर 5.48% थी और अगस्त में 3.65% थी। महंगाई दर में यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहत देने वाली खबर है, क्योंकि इससे जीवन यापन की लागत पर नियंत्रण पाया जा सकता है। महंगाई दर में कमी खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट की वजह से हुई है।

आर्थिक सर्वे का महत्व:

इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक स्थिति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है, जिसे हर साल बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है। यह दस्तावेज़ सरकार द्वारा आर्थिक दृष्टिकोण, विकास दर, वित्तीय समृद्धि, और देश के विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लेने के लिए तैयार किया जाता है। इसे समझकर नीति निर्माता, व्यवसायी और आम नागरिक यह अनुमान लगा सकते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा में जा रही है और कौन सी नीतियां कारगर साबित हो सकती हैं।

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