बिहार में परिवारिक बंटवारे के ये हैं 7 नियम, जानें कानूनी सलाह

न्यूज डेस्क: बिहार में प्रतिदिन किसी ना किसी घर में परिवारिक बंटवारा होता हैं। लेकिन सभी लोगों को परिवारिक बंटवारे से जुड़ी कुछ आवश्यक बातों के बारे में जानकारी नहीं होती हैं। साथ ही साथ इसके नियमों का भी पता नहीं होता हैं। जिससे लोगों को कभी कभी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता हैं और परिवारिक बंटवारा ठीक से नहीं हो पाता हैं।

बिहार में परिवारिक बंटवारे के ये हैं 7 नियम, जानें कानूनी सलाह। 

1 .परिवारिक बंटवारे के दौरान अगर किसी उत्तराधिकारी को हिस्सा देने से इनकार किया जाता है तो वह न्यायालय में अपील कर सकता है।

2 .बिहार में पैतृक संपत्ति को बेचा जाता है या उसका बंटवारा किया जाता है तो हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 2005, के अनुसार बेटियों को भी उसमें हिस्सा देना आवश्यक हैं।

3 .बता दें की एक बार पैतृक संपत्ति का बंटवारा होने के बाद हर उत्तराधिकारी को मिला हिस्सा उसकी खुद कमाई हुई संपत्ति बन जाता है।

4 .बता दें की बिहार में पैतृक संपत्ति बिना उत्तराधिकारियों की सलाह के बेची नहीं जा सकती। लेकिन उस पर न्यायालय में मुकदमा दायर किया जा सकता है।

5 .न्यायालय कि मदद से किया गया परिवारिक बंटवारा सबसे अच्छा माना जाता हैं। क्यों की बंटवारा के बाद सभी उत्तराधिकारी के नाम से संपत्ति की अलग-अलग रजिस्ट्री हो जाती हैं।

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