बिहार में खसरा-खतैनी और खाता नंबर में क्या अंतर हैं?

न्यूज डेस्क: बिहार के पटना, दरभंगा, भागलपुर, समस्तीपुर, नालंदा, पूर्णिया समेत सभी जिलों में लोगों को खसरा नंबर और खाता नंबर के बारे सुनने को मिलता हैं। लेकिन लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती हैं की खसरा नंबर पर खाता नंबर में क्या अंतर होता हैं।

बिहार में खसरा-खतैनी और खाता नंबर में क्या अंतर हैं?

क्या है खसरा नंबर: मिली जानकारी के मुताबिक खसरा नंबर किसी प्लॉट या सर्वे का नंबर होता है, जो गांवों में जमीन के एक टुकड़े को दिया जाता है या कहें तो खसरा मूल रूप से एक अन्य दस्तावेज का हिस्सा है, जिसमें एक पूरे गांव का नक्शा होता है। वहीं आपको बता दें की शहरी इलाकों में, जमीन के टुकड़ों को प्लॉट नंबर्स या सर्वे नंबर कहा जाता हैं। 

क्या है खाता नंबर : आपको बता दें की बिहार में खाता नंबर एक परिवार को आवंटित किया जाता है, जो सभी सदस्यों के भूमि धारण को दर्शाता है। 

क्या है खतैनी नंबर : बिहार में खतौनी एक कानूनी दस्तावेज होता है, जिसमें जमीन, उसके खसरा नंबर, उसके मालिकों की संख्या, उसके कुल क्षेत्र आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। इसमें जमीन की पूरी डिटेल्स अंकित होती हैं।

अगर आप बिहार में खसरा-खतैनी और खाता नंबर के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप बिहार राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट को विजिट करें।

0 comments:

Post a Comment