खबर के अनुसार आयोग ने कहा है की कदाचार के आरोप में पद से हटाए गए मुखिया या उप मुखिया पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। अगर कोई मुखिया नामांकन करते भी हैं तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जायेगा। इसको लेकर सभी जिले को सूचना भेज दिया गया हैं।
बता दें की पटना जिले में 9 मुखिया ऐसे हैं जिन पर बीते जून महीने में नल-जल योजना में वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वहीं बिहार के औरंगाबाद जिले में भी कई मुखिया को बर्खास्त किया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया हैं की पद के दुरुपयोग और कदाचार के कारण पद से हटाए गए मुखिया और उप मुखिया 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। आयोग के इस आदेश से कई जिलों के मुखिया की परेशानी बढ़ गई हैं।
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