यूपी में 25 गांवों की जमीन पर बसेगा नया गोरखपुर

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत नया गोरखपुर बसाया जायेगा। इसके लिए 25 गांव में जमीन अधिग्रहण किये जाएंगे। इस परियोजना पर कुल 3,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसमें से 400 करोड़ रुपये पहले ही शासन द्वारा जारी किए जा चुके हैं। हालांकि, इस अधिग्रहण प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती किसानों का विरोध बनकर सामने आई है।

किसानों का विरोध और उनकी मांगें

बता दें की किसान इस भूमि अधिग्रहण के खिलाफ विभिन्न मंचों पर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपनी जमीन पर बाजार दर से अधिक मुआवजा चाहिए और साथ ही नए सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा तय किया जाए। कई किसान तो अपनी खेती योग्य भूमि को चार गुना अधिक कीमत मिलने के बावजूद देने को तैयार नहीं हैं।

अधिग्रहण की प्रक्रिया और जमीन का वितरण

गोरखपुर- कुशीनगर रोड पर स्थित चौरी चौरा तहसील के माड़ा पार क्षेत्र में 152 हेक्टेयर, सदर तहसील क्षेत्र के तकिया मेदनीपुर में 45 हेक्टेयर और कोनी क्षेत्र में 57 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसको लेकर तैयारी की जा रही हैं। 

इस नए शहर में 25 गांवों की भूमि का अधिग्रहण GDA किसानों से समझौते के आधार पर करेगा। जीडीए ने इस परियोजना के लिए अनिवार्य अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें चयनित एजेंसी द्वारा सामाजिक अध्ययन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। इसके बाद जनसुनवाई आयोजित की जा रही है, जिसमें किसान विरोध कर रहे हैं।

मुआवजा दर

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह के अनुसार, वर्तमान में खेती योग्य जमीन का मुआवजा 3 करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। इससे संबंधित प्रक्रिया जारी है और जैसे-जैसे किसानों की रजिस्ट्री होती जाएगी, प्राधिकरण को अधिक धनराशि की आवश्यकता पड़ेगी। 

शासन को पत्र लिखकर प्राधिकरण और धनराशि की मांग की जाएगी, ताकि परियोजना की प्रक्रिया को गति मिल सके। हालांकि, जीडीए को अपनी इस योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए किसानों के साथ उचित संवाद और समझौते की आवश्यकता होगी।

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