इसके अलावा, पिछले वित्तीय वर्ष में योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य से अधिक रिक्त रहे लाभार्थियों का चयन किया जाएगा, और 20 प्रतिशत की प्रतीक्षा सूची भी तैयार की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत अब तक कुल 200.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
बता दें की प्रत्येक लाभार्थी को 50,000 रुपये की राशि दी जा रही है, जिससे उनकी छोटी उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत, चयनित लाभार्थियों को तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह प्रशिक्षण पटना स्थित उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान के माध्यम से आयोजित किया जाएगा, ताकि लाभार्थी व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं को बेहतर तरीके से समझ सकें और अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकें। इस योजना से अब तक 40,099 लाभार्थियों ने पहली किस्त प्राप्त की है, जिसमें से 33,350 लाभार्थियों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
यह योजना न सिर्फ लघु उद्योगों को बढ़ावा देने का एक बड़ा कदम है, बल्कि राज्य में छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो रही है। बिहार सरकार का यह कदम प्रदेश के लघु उद्यमियों के लिए एक बड़ी राहत है, जिससे उन्हें अपने व्यवसायों को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय मदद मिल रही है और प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें व्यवसायिक दक्षता भी प्राप्त हो रही है।
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