न्यूज डेस्क: भारत में भले ही कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन सरकार और सभी आमजनों के लिये राहत की बात है कि गंभीर मामले कम ही है। एक आंकड़े के अनुसार 98 फीसदी लोग जो कोरना वायरस से संक्रमित है वे सभी हल्के संक्रमण से पीड़ित है। जबकि मात्र 2 प्रतिशत कुल लोगों को ही वेंटिलेटर पर रखने की नौबत आई है।
बता दें कि देश में तेजी से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज हुई है। जो केंद्र सरकार के साथ-साथ सबी राज्य सरकारों के लिये चिंता का कारण बना हुआ है। लेकिनइसरे वाबजूद गंभीर मरीजों की संख्या में कमी होने से सरकार राहत की सांस ले सकती है।सरकार के लिये सबसे बड़ी चुनौती जो है कि लॉकडाउन के बाद भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या थमी नहीं बल्कि बढ़ती ही गई। जहकि सरकार का आकलन था कि लॉकडाउन होने से संक्रमित मरीजों की संख्या रुक जाएगी।
अमेरिका समेत सभी देशों में कोरोना का कहर है जारी लेकिन इसके वाबजूद लॉकडाउन का सरकार का फैसला सफल होता नजर आ रहा है। इस समय जबकि अमेरिका,स्पेन,ब्रिटेन,इटली में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से वहां की सरकारें बेबस नजर आ रही है। तो ठीक इसके उलट भारत जो इन सभी देशों से कहीं गुणा कम आधुनिक तकनीकी को लेकर सक्षम है। फिर भी सही समय पर लॉकडाउन का फैसला लेकर केंद्र सरकार ने एकबड़ी कामयाबी हासिल कर ली है।
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