सरकार का बड़ा फैसला, स्वास्थ्य कर्मचारियों को छोड़कर किसी को नहीं मिलेगा मार्च का वेतन

न्यूज डेस्क: कोरोना संकट (Corona crisis) के बाद मंगलवार को पहली बार हुई मंत्रिपरिषद  (Council of Ministers) की बैठक में सीएम से लेकर मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन (Salary) का बड़ा हिस्सा रोकने का फैसला किया गया है. स्वास्थ्य सेवाओं के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरा वेतन मिलेगा. बैठक में बताया गया कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश को 17 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. इसके कारण मार्च माह का वेतन रोकने का फैसला किया गया है.
सीएम से लेकर विधायकों का 75 फीसदी, IAS, IPS, IFS का 60 फीसदी वेतन रोका। 
सीएम, डिप्टी सीएम, सभी मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक और सभी विधायकों के मार्च माह के वेतन का 75 फीसदी हिस्सा रोका जाएगा. आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों का मार्च माह का 60 प्रतिशत वेतन रोकने का फैसला किया गया है. जबकि राज्य सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों का 50 फीसदी वेतन रोका जाएगा.

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों का मार्च माह के ग्रोस वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा स्थगित रखा जाएगा. इसके साथ ही सेवानिवृत्त पेंशनर्स की मार्च माह की सकल पेंशन का 30 प्रतिशत हिस्सा भी स्थगित रखा जाएगा.

 गरीब और जरुरतमंदों को 1500 रुपए की अनुग्रह राशि और मिलेगी। 
मंत्रिपरिषद की बैठक में गरीब और जरुरतमंदों को 1500 रुपए की अनुग्रह राशि और देने का फैसला किया गया है. 36 लाख 51 हजार बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय योजना के लाभार्थियों, 25 लाख निर्माण श्रमिकों और पंजीकृत स्ट्रीट वेण्डर्स जो कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के दायरे में नहीं आते हैं उन्हें पहले एक हजार रुपए की अनुग्रह राशि दी गई थी. इन वर्गों को अब 1500 रुपए की राशि और दी जाएगी. इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

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