लखनऊ, मेरठ, इटावा, आगरा समेत प्रदेशभर में पुश्तैनी जमीन बेचने के नियम-कानून

न्यूज डेस्क: यूपी के लखनऊ, मेरठ, इटावा, आगरा समेत प्रदेशभर में कई लोग ऐसे हैं जिनके पास पुश्तैनी जमीन हैं। लेकिन बहुत से लोगों के लिए बारे में जानकारी नहीं होती हैं की पुश्तैनी जमीन बेचने के नियम कानून क्या हैं तथा पुश्तैनी जमीन पर किन लोगों का कितना अधिकार होता हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे पुश्तैनी जमीन के नियम-कानून के बारे में ताकि सभी लोगों को इसके बारे में सही जानकारी मिल सके। 

लखनऊ, मेरठ, इटावा, आगरा समेत प्रदेशभर में पुश्तैनी जमीन बेचने के नियम-कानून?

1 .कानून के अनुसार पुश्तैनी जमीन में हिस्से का अधिकार पैदा होते ही जन्म से मिल जाता है। इस अधिकार से कोई भी बंचित नहीं कर सकता हैं।

2 .कानून के मुताबिक अगर किसी पुश्तैनी जमीन को बेचा जाता है या उसका बंटवारा होता है तो बेटियों को भी उसमें से हिस्सा मिलेगा। 

3 .पुश्तैनी जमीन बिना उत्तराधिकारियों से राय-मशविरे के बेची नहीं जा सकती। लेकिन उस पर दोबारा दावा कोर्ट में बंटवारे का मुकदमा दायर कर ठोका जा सकता है। 

4 .पुश्तैनी जमीन में अगर आपको कोई हिस्सा देने से इनकार करता है तो आप अपने अधिकार के लिए कानूनी नोटिस भेज सकते हैं। 

5 .बता दें की पुश्तैनी जमीन उस प्रॉपर्टी को माना जाता हैं। जिसका हिंदू जॉइंट फैमिली के सदस्यों के बीच बंटवारा नहीं हुआ है। 

6 .वहीं एक बार पुश्तैनी जमीन का बंटवारा होने के बाद हर उत्तराधिकारी को मिला हिस्सा उसकी खुद कमाई हुई संपत्ति बन जाता है। 

7 .कानून के अनुसार मां की ओर से मिली संपत्ति पैतृक संपत्ति या पुश्तैनी संपत्ति नहीं मानी जाती हैं। इसलिए आप इस बात का ख्याल रखें। 

0 comments:

Post a Comment