डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अंचलाधिकारी और नगर प्रशासन को इस शिकायत की पूरी गहनता से जांच करनी चाहिए। अगर जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, डीएम ने यह भी आशंका जताई कि जिले में फर्जीवाड़ा करने वाला कोई रैकेट हो सकता है, जो इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल हो। इस संदर्भ में भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
मामले की तफ्तीश के दौरान यह भी पाया गया कि फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर कुछ लोगों ने बिना असली मालिक की अनुमति के भूमि की रजिस्ट्री और म्यूटेशन करवा लिया था, जिससे सरकारी और निजी संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। इस पूरी घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या जिले में इस प्रकार के फर्जीवाड़े करने वाले कोई संगठित गिरोह सक्रिय हैं।
डीएम ने इस मुद्दे पर जिला निबंधन कार्यालय को भी चेतावनी दी है कि वे पूरी तरह से सतर्क रहें, ताकि भविष्य में इस प्रकार के घोटालों को रोका जा सके। प्रशासन ने अब तक जिन दस्तावेजों की जांच की है, उनमें कई अनियमितताएँ पाई गई हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।
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