ये है देसी वियाग्रा, ताकत बढ़ाने में होती है इस्तेमाल

न्यूज डेस्क: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी इलाकों में पाए जाने वाली कीड़ाजड़ी (Himalayan Viagra) को पारंपरिक रूप से शक्तिवर्धक और यौनवर्धक जड़ीबूटी के रूप में जाना जाता है। इसे 'देसी वियाग्रा' के नाम से भी जाना जाता है, और इसके औषधीय गुणों के कारण यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहद महंगी बिकती है। खासकर चीन जैसे देशों में इसकी भारी डिमांड है। 

कीड़ाजड़ी का महत्व:

कीड़ाजड़ी का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में ताकत बढ़ाने और यौन क्षमता में वृद्धि के लिए किया जाता है। इसे 'हिमालयन वियाग्रा' के नाम से भी जाना जाता है, और इसकी उच्च मांग की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 20 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है। 

उत्तराखंड के बॉर्डर इलाकों में इस जड़ीबूटी का सबसे अधिक उत्पादन होता है। स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि यदि इस कारोबार को सही दिशा में बढ़ावा दिया जाए, तो यह एक बड़ा उद्योग बन सकता है, जो हजारों लोगों को रोजगार दे सकता है।

कीड़ाजड़ी के फायदे 

1 .कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल करने से यौन ड्राइव बढ़ती है। 

2 .कीड़ा जड़ी से स्पर्म काउंट बढ़ता है, मोबिलिटी बढ़ती है और टेस्टोस्टेरोन लेवल भी बढ़ते हैं।

3 .कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल पीठ दर्द, नपुंसकता, शुक्राणु उत्पादन में वृद्धि और रक्त उत्पादन में वृद्धि के लिए फायदेमंद होता हैं।

4 .कीड़ा जड़ी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और शरीर को मजबूत बनाती हैं।

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