एक शोध के अनुसार लड़कों में वीर्य बनना आम तौर पर 11 से 15 साल की उम्र के बीच शुरू हो जाता है. हालांकि, यह उम्र अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती है। यह प्रक्रिया उम्रभर होती रहती हैं, जिससे पुरुष किसी भी उम्र में पिता बन सकते हैं।
यह प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
स्पर्मेटोजेनेसिस की शुरुआत: पुरुषों के अंडकोष में 'स्पर्मैटोगोनिया' (spermatogonia) नामक अंडाणु कोशिकाएँ होती हैं, जो शुक्राणु में विकसित होती हैं। जब पुरुष शारीरिक और यौन रूप से परिपक्व होते हैं, तो ये कोशिकाएँ विभाजित होकर शुक्राणु का निर्माण शुरू कर देती हैं।
शुक्राणु का निर्माण: स्पर्मेटोजेनेसिस के दौरान, स्पर्मैटोगोनिया से 'स्पर्मैटोसाइट' (spermatocyte) कोशिकाएँ बनती हैं, जो फिर विभाजन के जरिए शुक्राणु (sperm cells) में परिवर्तित होती हैं।
समय की प्रक्रिया: शुक्राणु का निर्माण पूरी प्रक्रिया में लगभग 64 से 74 दिन लगते हैं। इसके बाद ये शुक्राणु अंडकोष के अंदर स्थित एपिडिडिमिस (epididymis) में आते हैं, जहाँ वे परिपक्व होते हैं और शुक्राणु निषेचन के लिए तैयार होते हैं।
प्रजनन प्रणाली: जब पुरुष उत्तेजित होते हैं, तो परिपक्व शुक्राणु अंडकोष से गुर्दे के पास स्थित 'वेसिकल' (seminal vesicles) और 'प्रोस्टेट' (prostate) ग्रंथियों के माध्यम से वीर्य में मिश्रित होते हैं और वीर्य के रूप में निकलते हैं। यहीं महिला के अंडे से मिलकर एक नया जीवन तैयार करते हैं।
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