फर्जी प्रमाण पत्र का खुलासा:
निगरानी विभाग द्वारा की गई जांच में सामने आया कि कुमारी सुनीता ने मैट्रिक परीक्षा का फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया था, जिससे उसे नौकरी मिल गई थी। इसी तरह, संजय चौधरी ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB), पटना का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। दोनों ही मामलों में यह आरोप है कि इन व्यक्तियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त की, जो न केवल धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था की गंभीर अव्यवस्था को भी उजागर करता है।
निगरानी विभाग की सख्त कार्रवाई:
निगरानी विभाग ने इन दोनों शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए मामले की गंभीरता को समझा है। विभाग का कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग करके सरकारी नौकरी पाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के प्रति भी एक बड़ा धोखा है। दोनों शिक्षकों पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
300 से ज्यादा मामले रडार पर:
इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद अब निगरानी विभाग ने बिहार के अन्य क्षेत्रों में भी फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले लोगों पर निगाहें तेज कर दी हैं। विभाग ने बताया कि राज्य भर में ऐसे करीब 300 से ज्यादा मामले रडार पर हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
0 comments:
Post a Comment