खबर के अनुसार बिहार में सामूहिक संपत्ति या खतियानी जमीन में हिस्सेदारी निर्धारण करने के लिए वंशावली की जरूरत होती हैं। बहुत से लोग सरपंच से वंशावली बनाकर इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन विभाग के द्वारा इसे अमान्य करार दिया गया हैं।
बता दें की कुछ महीने पहले सी पंचायती राज विभाग ने सरपंच द्वारा वंशावली बनाए जाने को अमान्य करने के संबंध में सभी जिला पदाधिकारी को एक पत्र जारी किया था और सरपंच द्वारा बनाये गए वंशावली को अमान्य करने के निर्देश दिए थें।
दरअसल सरपंच द्वारा निर्मित वंशावली को अमान्य करने से बिहार के कई जिलों में जमीन अधिग्रहण करने में दिक्कत आ रही हैं। इसी को देखते हुए पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की संयुक्त बैठक कर इस मुद्दे का समाधान ढूंढने को कहा गया है।
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