इसके अलावा, शनिवार को बच्चों के लिए "नन-यूनिफार्म डे" होगा, ताकि वे अपने स्कूल ड्रेस की सफाई कर सकें और ठंड के मौसम में ड्रेस जल्दी सूख सके। इस निर्णय की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापकों को दी जाएगी। विद्यालयों में बच्चों को परिभ्रमण पर ले जाना अनिवार्य होगा और प्रधानाध्यापकों को इस संबंध में दिशा-निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
वहीं, बिहार में अब गर्मी की छुट्टियों में इस बार सरकारी विद्यालयों में कोई कक्षाएं नहीं चलेंगी, लेकिन सभी शिक्षकों को बच्चों को होमवर्क और प्रोजेक्ट वर्क देने की जिम्मेदारी होगी। ठंड के मौसम में छुट्टियों का निर्णय भी अब जिलाधिकारियों द्वारा लिया जाएगा।
इसके अलावा, डॉ. एस. सिद्धार्थ ने विद्यालयों के संचालन के समय में बदलाव की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा हैं की छोटे बच्चों के लिए अलग स्कूल टाइमिंग होगी, जिसे प्रधानाध्यापकों के निर्देश पर लागू किया जाएगा। कक्षाओं में बच्चों के सीटिंग मैनेजमेंट का भी पालन किया जाएगा, जहां कमजोर छात्र आगे बैठेंगे। स्कूल के बाद, कमजोर बच्चों को शाम 5 से 7 बजे तक पढ़ाने की व्यवस्था भी की जाएगी, जिसमें गांव के शिक्षित युवा मदद करेंगे।
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