हेल्थ डेस्क: आज के समय में बहुत हीं महिलाएं ऐसी हैं जो किसी परेशानी की वजह से बांझपन का शिकार हो जाती हैं। इससे महिलाओं को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं और ये महिला जनरेशन बढ़ाने में असमर्थ हो जाती हैं। आज जानने की कोशिश करेंगे उन कारणों के बारें में जिन कारणों की वजह से महिलाएं बांझपन का शिकार हो जाती हैं। लेकिन अगर महिलाओं को सही समय पर इसके बारे में जानकारी मिल जाएँ तो महिलाएं इस समस्या से बच सकती हैं। तो आइये जानते हैं विस्तार से की महिलाएं क्यों हो जाती है बांझपन का शिकार।
एंडोमेट्रिओसिस की समस्या, दरअसल 25 से 30 साल की उम्र में कुछ महिलाओं के शरीर में गलत खान पान और प्रदूषण के कारण हार्मोनल इम्बैलेंस होने लगता हैं। जिसके कारण उनके शरीर एंडोमेट्रिओसिस की समस्या उत्पन हो जाती हैं। इस समस्या के कारण महिलाओं के गर्भाशय की आंतरिक परत के आसपास ऊतक बन कर फैलने लगता हैं और यह समस्या धीरे धीरे बढ़ती जाती हैं। जिसके कारण महिलाएं बांझपन का शिकार हो जाती हैं और वो गर्भाधान नहीं कर पाती हैं। अगर इसका इलाज सही समय पर ना किया जाएँ तो ये महिलाओं के लिए काफी खरतनाक साबित होता हैं।
एंडोमेट्रिओसिस की समस्या, दरअसल 25 से 30 साल की उम्र में कुछ महिलाओं के शरीर में गलत खान पान और प्रदूषण के कारण हार्मोनल इम्बैलेंस होने लगता हैं। जिसके कारण उनके शरीर एंडोमेट्रिओसिस की समस्या उत्पन हो जाती हैं। इस समस्या के कारण महिलाओं के गर्भाशय की आंतरिक परत के आसपास ऊतक बन कर फैलने लगता हैं और यह समस्या धीरे धीरे बढ़ती जाती हैं। जिसके कारण महिलाएं बांझपन का शिकार हो जाती हैं और वो गर्भाधान नहीं कर पाती हैं। अगर इसका इलाज सही समय पर ना किया जाएँ तो ये महिलाओं के लिए काफी खरतनाक साबित होता हैं।
एंडोमेट्रिओसिस के लक्षण, जब किसी महिला में एंडोमेट्रिओसिस की समस्या उत्पन होती हैं तब उस महिला का मासिक धर्म अनियंत्रित हो जाता हैं तथा पीरियड्स के दौरान पेल्विक में तेज दर्द होते हैं। साथ हीं साथ महिलाओं को पेशाब के दौरान जलन और पीरियड्स के समय हेवी ब्लडिंग का सामना करना पड़ता हैं। अगर किसी महिला में इस तरह के कोई भी लक्षण दिखते हैं तो महिलाएं इसे नॉर्मल समस्या समझकर नजरअंदाज करने की भूल ना करें। क्यों की ये एंडोमेट्रिओसिस के शुरूआती लक्षण होते हैं। इस समस्या के कारण महिलाएं बांझपन का शिकार हो जाती हैं।
एंडोमेट्रिओसिस के उपचार, इस समस्या से बचने के लिए महिलाओं को जंक फ़ूड का सेवन नहीं करनी चाहिए और पीरियड्स के दौरान साफ़ सफाई का ख्याल रखना चाहिए। क्यों की कई बार ये समस्या गंदगी के कारण संक्रमण होने से भी फैलता हैं। एंडोमेट्रिओसिस के उपचार के लिए डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए। शुरूआती समय में हीं डॉक्टर की सहायता लेने से ये समस्या दूर हो जाती हैं और महिलाओं को माँ बनने का भी सुख प्राप्त होता हैं। इतना हीं नहीं इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
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