खबर के अनुसार बिजली कंपनियों ने बिजली दर में 18 से 23 फीसदी बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव भेजा था, जिस प्रस्ताव को नियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि आयोग ने बिजली की दर में वृद्धि से पहले लोगों से आपत्ति व सुझाव मांगे हैं।
आपको बता दें की बिजली कंपनियों की तरफ से वर्ष 2023-24 की दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता में औसत 18 से 23 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया हैं। वहीं राज्य उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव का विरोध करना शुरू कर दिया हैं।
परिषद ने कहा है की बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का करीब 25,133 करोड़ रुपये जमा हैं। इसलिए बिजली कंपनियां बिजली की दरें नहीं बढ़ा सकती हैं। बता दें की मई या जून तक बिजली की नई दरों का एलान किया जा सकता हैं।
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