शोध: मरने के बाद भी पुरुषों में जिंदा रहते हैं 'वीर्य'

साइंस डेस्क: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सच है कि मृत व्यक्ति के शरीर में कुछ समय तक शुक्राणु (sperm) सक्रिय रह सकते हैं, लेकिन यह समय सीमा परिस्थितियों पर निर्भर करती है। सामान्यतः, जब एक व्यक्ति का शरीर मर जाता है, तो शरीर के विभिन्न अंगों और कोशिकाओं की कार्यप्रणाली बंद हो जाती है। 

लेकिन शुक्राणु, जो विशेष रूप से जननांगों में पाए जाते हैं, कुछ समय तक जीवित रह सकते हैं, खासकर यदि शरीर के तापमान और वातावरण में कोई विशेष परिवर्तन न हुआ हो। वहीं, शरीर के बाहर शुक्राणु आमतौर पर 1-2 घंटे तक सक्रिय रह सकते हैं, जबकि शरीर के भीतर (अर्थात जननांगों में) यह समय सीमा 24 से 48 घंटे तक हो सकती है।

एक अध्ययन के मुताबिक, मौत के 48 घंटों के अंदर पुरुष से लिए गए शुक्राणुओं का इस्तेमाल गर्भधारण के लिए किया जा सकता है। इन शुक्राणुओं को स्पर्म बैंक में जमा भी किया जा सकता है। हालांकि ऐसा करने के लिए कई तरह के कानूनी नियम बनाये गए हैं। 

दरअसल अमेरिका और ब्रिटेन में शुक्राणु बैंकों को दाताओं द्वारा दान किए गए वीर्य को लंबे समय तक, आमतौर पर 50 साल तक, सुरक्षित रूप से जमा करने की अनुमति होती है। शुक्राणु को ठंडा करके जमा किया जाता है, जिसे क्रायोपिजेनेशन कहा जाता है, और इस प्रक्रिया में शुक्राणु को बेहद कम तापमान (आमतौर पर -196°C) पर ठंडा किया जाता है, ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे और वे कई वर्षों तक उपयोग के लिए सुरक्षित रहें।

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