बिहार में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं

पटना: बिहार विधानसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुआ है, जो सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए कड़े प्रावधानों को लागू करेगा। इस विधेयक का नाम "बिहार सरकारी परिसर (आवंटन किराया वसूली बेदखली) संशोधन विधेयक" है, जिसे राज्य सरकार ने पेश किया हैं। 

खबर के अनुसार इस विधेयक के माध्यम से सरकारी संपत्तियों के आवंटन, किराया वसूली और बेदखली की प्रक्रिया को और भी सख्त बनाएगी। यह विधेयक मुख्य रूप से सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे और उनसे संबंधित परेशानियों को खत्म करने के लिए लाया गया है। 

पहले के नियमों में कमजोरियों के कारण सरकारी संपत्तियों पर कई बार अवैध कब्जे हो जाते थे, जिसके चलते सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता था। इस नए संशोधन के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी जमीन और संपत्ति पर कब्जा करना अब आसान न हो। 

इसके अलावा, यह विधेयक सरकारी आवासों के किराये की वसूली और बेदखली प्रक्रिया को भी मजबूत करेगा। इस विधेयक में सरकारी संपत्तियों के आवंटन और किराया वसूली की प्रक्रिया को कड़ा किया गया है। अब सरकार सरकारी संपत्तियों का आवंटन और किराया वसूली में ज्यादा पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी।

कड़े नियमों के तहत बेदखली। 

अवैध कब्जे के मामलों में अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो लोग सरकार की संपत्ति पर अवैध कब्जा करेंगे, उनके खिलाफ तत्काल बेदखली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए एक निश्चित समयसीमा तय की जाएगी, ताकि कब्जाधारियों को किसी प्रकार की राहत न मिल सके।

नियमों का उल्लंघन करने पर सजा

यदि कोई व्यक्ति या संस्था सरकारी संपत्ति के नियमों का उल्लंघन करती है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, किराया न चुकाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आवंटन और वसूली में पारदर्शिता

विधेयक के तहत सरकार का लक्ष्य है कि सभी सरकारी संपत्तियों का आवंटन और किराया वसूली पारदर्शी तरीके से हो, जिससे कोई भी पक्ष सरकारी संपत्तियों का गलत उपयोग न कर सके।

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