इसके अतिरिक्त, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आउटसोर्सिंग कर्मियों को उनका मानदेय हर महीने की तय तारीख पर ही दिया जाएगा। यह निर्णय कर्मियों के समय पर भुगतान की सुरक्षा के लिए लिया गया है, जिससे कर्मियों को उनका मेहनताना किसी भी कारणवश विलंब से न मिले।
सरकार ने यह भी अनिवार्य किया है कि आउटसोर्सिंग कर्मियों को केवल सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से रखा जाए, ताकि भर्ती और सेवायोजन की प्रक्रिया पारदर्शी और सुव्यवस्थित हो सके। यह कदम कर्मियों के अधिकारों की रक्षा करने और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
वहीं, योगी सरकार ने यह भी साफ कर दिया हैं की यदि किसी कर्मी को अनुशासनहीनता या दंडनीय अपराध के कारण निकाला जाना है, तो भी इसके लिए संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी। नई व्यवस्था के तहत अब सेवा प्रदाता कर्मियों को मनमाने तरीके से नहीं हटा सकेंगे।
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