अभियान के उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना और नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकना है। पिछले कुछ समय से, ई-रिक्शा और ऑटो के अवैध संचालन ने न केवल यातायात व्यवस्था को प्रभावित किया है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी बढ़ावा दिया है। ऐसे वाहनों में अधिकतर नाबालिग ड्राइवर पाए जाते हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।
अभियान की मुख्य विशेषताएँ
1 .अवैध वाहनों का निस्तारण: इस अभियान का सबसे बड़ा उद्देश्य अवैध ई-रिक्शा और ऑटो की पहचान करके उनका निस्तारण करना है। इसके तहत उन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो बिना किसी अनुमति के चल रहे हैं या जिनके पास वैध पंजीकरण नहीं है।
2 .नाबालिगों के हाथों में वाहन की स्टेयरिंग न हो: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं कि किसी भी वाहन के स्टेयरिंग को नाबालिगों के हाथों में न सौंपा जाए। नाबालिग चालक अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, इसलिए उनका ड्राइविंग करना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।
3 .वाहन चालक का वेरीफिकेशन: सभी ई-रिक्शा और टेंपो चालकों का वेरीफिकेशन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी चालक वैध हैं और उनके पास जरूरी लाइसेंस और दस्तावेज़ हैं।
4 .टास्क फोर्स का गठन: इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक जिले में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस टास्क फोर्स में परिवहन विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे। इन अधिकारियों का प्रमुख कार्य अवैध वाहनों की पहचान करना और उनका पंजीकरण चेक करना होगा।
5 .नोडल अधिकारी की नियुक्ति: अभियान के सुचारू संचालन के लिए, अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन संजय सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे मुख्यालय से रोज़ाना जिला स्तर पर अभियान की मॉनिटरिंग करेंगे।
प्रचार-प्रसार और जागरूकता
अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न प्रचार-प्रसार गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। विशेष रूप से ड्राइवरों को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी और यह बताया जाएगा कि अवैध वाहन चलाना कितना खतरनाक हो सकता है।
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