बिहार में किसान होंगे समृद्ध, सस्ती बिजली से कृषि क्षेत्र में क्रांति

पटना: बिहार में किसानों के लिए एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है। राज्य में बिजली की दरों में बदलाव के बाद, किसानों को जहां एक ओर सस्ती बिजली का लाभ मिलेगा, वहीं कृषि क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधार होंगे। बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने 1 अप्रैल से राज्य में बिजली दरों में बदलाव की घोषणा की है, जो किसानों और बिजली उपभोक्ताओं के लिए बेहद राहत का कारण बनेगा। इस कदम से किसानों को न सिर्फ सस्ती बिजली मिलेगी, बल्कि कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलने की भी संभावना है।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर से मिलेगा फायदा

बिहार में बिजली की दरों में बदलाव के साथ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर आई है। अब, स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 25 पैसे कम खर्च करना होगा। यह कदम खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद होगा, जो स्मार्ट मीटर लगवाने का सोच रहे हैं। इसके अलावा, स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के छह महीने बाद तक लोड से अधिक बिजली खपत करने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। इस फैसले से किसानों को न सिर्फ बिजली की लागत में कमी आएगी, बल्कि उनका बिल भी नियंत्रित रहेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दरों में कमी

बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस नए बदलाव का खास प्रभाव पड़ेगा। राज्य सरकार ने ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में 54 पैसे प्रति यूनिट की कमी की घोषणा की है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्र के निवासी, बल्कि किसान भी लाभान्वित होंगे। बिहार में अधिकांश किसानों की खेती पानी और बिजली पर निर्भर होती है, और सस्ती बिजली के साथ उन्हें अपनी उत्पादन लागत कम करने में मदद मिलेगी।

विशेष लाभ किसानों के लिए

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले किसानों के लिए एक और बड़ा फायदा है। अगर वे ग्रामीण इलाके में रहते हैं और स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाते हैं, तो उन्हें बिजली खपत पर 79 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। खासतौर पर धान की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बहुत फायदेमंद साबित होगा। धान की खेती में भारी मात्रा में पानी और बिजली की जरूरत होती है, और इस कदम से उनकी बिजली की लागत में महत्वपूर्ण कमी आएगी।

कृषि उत्पादों के भंडारण में सुधार

बिजली दरों में बदलाव के साथ कृषि क्षेत्र के लिए एक और अहम कदम उठाया गया है। अब कोल्ड स्टोरेज के लिए नई श्रेणी बनाई गई है। 74 किलोवाट तक के अनुबंध मांग वाले कोल्ड स्टोरेज को एलटी-आईएएस श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके साथ ही एचटी कोल्ड स्टोरेज के लिए भी नई श्रेणी बनाई गई है, जिसमें 50 केवीए से लेकर 1500 केवीए तक के कोल्ड स्टोरेज शामिल हैं। यह कदम किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे कृषि उत्पादों के भंडारण में सुधार होगा, जिससे उनकी गुणवत्ता बनी रहेगी और बाजार में उनकी मांग बढ़ेगी।

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