बिहार सरकार का बड़ा कदम: जमीन बंटवारा होगा पारदर्शी!

पटना: बिहार सरकार ने हाल ही में भूमि बंटवारे और निबंधन प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए कुछ ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। इन फैसलों का उद्देश्य न सिर्फ संपत्ति विवादों को सुलझाना है, बल्कि प्रशासनिक कार्यों को भी सरल और प्रभावी बनाना है। बिहार में होने वाले इन बदलावों से न केवल नागरिकों को फायदा होगा, बल्कि राज्य की शासन व्यवस्था में भी सुधार आएगा।

पेपरलेस निबंधन प्रक्रिया:

बिहार सरकार ने यह घोषणा की है कि 2025-26 से सभी निबंधन कार्यालय पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएंगे। इसका मतलब यह है कि अब सभी दस्तावेज़ों और निबंधन कार्यों को ऑनलाइन किया जाएगा। इस कदम से न केवल दस्तावेज़ तैयार करने की प्रक्रिया में आसानी होगी, बल्कि यह पारदर्शिता भी बढ़ाएगा। पेपरलेस प्रणाली से दस्तावेज़ों में हेरफेर की संभावना भी कम हो जाएगी और नागरिकों को समय और संसाधनों की बचत होगी। अब लोगों को भौतिक रूप से दस्तावेज़ तैयार करने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, जिससे उनकी मेहनत और समय दोनों की बचत होगी।

ऑनलाइन निबंधन पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट:

बिहार सरकार ने ऑनलाइन निबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि ऑनलाइन निबंधन पर स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा दो हजार रुपये होगी। यह कदम लोगों को ऑनलाइन निबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें राहत मिलेगी।

पैतृक संपत्ति के बंटवारे में मिलेगी राहत:

बिहार सरकार ने पैतृक या पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर भी बड़ी राहत दी है। अब इस प्रक्रिया में स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन शुल्क को काफी हद तक कम कर दिया गया है। पहले जहां संपत्ति के बंटवारे में अधिक शुल्क लिया जाता था, अब केवल 50 रुपये का स्टाम्प ड्यूटी और 50 रुपये का निबंधन शुल्क लिया जाएगा। इससे उन परिवारों को खासा फायदा होगा जो लंबे समय से संपत्ति विवादों में उलझे हुए थे। यह कदम न केवल संपत्ति बंटवारे की प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि यह उन परिवारों के लिए भी राहत का काम करेगा जो संपत्ति के मामलों में सालों तक फंसे रहे हैं।

संपत्ति विवादों के समाधान में भी मदद:

बिहार में संपत्ति बंटवारे के इस सुधार से यह उम्मीद जताई जा रही है कि संपत्ति विवादों का समाधान जल्दी होगा। पुराने नियमों के चलते कई परिवारों के बीच संपत्ति विवाद लंबित रहते थे, लेकिन अब इस नई प्रणाली से संपत्ति के बंटवारे को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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