बिहार में श्रमिकों की 1 अप्रैल से बढ़ जाएगी मजदूरी

पटना: बिहार राज्य की सरकार ने श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 1 अप्रैल 2025 से राज्य के श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की जाएगी। यह निर्णय राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के तहत लिया है, जिसका उद्देश्य राज्य में काम कर रहे श्रमिकों को बेहतर मजदूरी देने और उनके जीवन स्तर को सुधारने का है। इस वृद्धि से राज्य के विभिन्न श्रेणियों में काम कर रहे श्रमिकों को लाभ होगा, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

श्रमिकों के लिए बढ़ोतरी

नीतीश कुमार की सरकार ने श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में 3.17 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। इसके तहत चार श्रेणियों में श्रमिकों की मजदूरी में वृद्धि की गई है: अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल और अतिकुशल श्रमिक। प्रत्येक श्रेणी के श्रमिकों के लिए प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी में 12 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

अकुशल श्रमिकों की मजदूरी: पहले यह 412 रुपये थी, अब इसे बढ़ाकर 424 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।

अर्द्धकुशल श्रमिकों की मजदूरी: पहले यह 428 रुपये थी, अब इसे बढ़ाकर 440 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।

कुशल श्रमिकों की मजदूरी: पहले यह 521 रुपये थी, अब इसे बढ़ाकर 536 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।

अतिकुशल श्रमिकों की मजदूरी: पहले यह 636 रुपये थी, अब इसे बढ़ाकर 654 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।

एक समान न्यूनतम मजदूरी

श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस वर्ष कृषि कामगार को छोड़कर बाकी सभी 17 नियोजनों में न्यूनतम मजदूरी की दर को एक समान किया जाएगा। इससे श्रमिकों के लिए एक समान और पारदर्शी मजदूरी व्यवस्था सुनिश्चित होगी, और उनके कार्यों के अनुसार सही कोटि की मजदूरी प्राप्त करना सरल हो जाएगा।

इसके अलावा, श्रमिकों के कार्यों की प्रकृति के आधार पर अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल और अतिकुशल श्रमिकों का वर्गीकरण भी किया गया है, ताकि उन्हें उनके काम के अनुसार उचित मजदूरी मिल सके। इससे श्रमिकों के बीच असमानता कम होगी और काम की शर्तों के अनुसार उन्हें सम्मानजनक मजदूरी दी जाएगी।

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