आदेश का कारण और उद्देश्य
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों की संख्या बहुत अधिक है, और इन स्थलों के आसपास मांस की बिक्री से कई बार विवाद और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती रही है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक कड़ा कदम उठाया है। इस आदेश का मुख्य उद्देश्य धार्मिक स्थलों के पास अवैध मांस व्यापार को समाप्त करना, अवैध बूचड़खानों को बंद करना और समाज में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखना है।
सरकार के क्या हैं निर्देश
उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव, अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और नगर आयुक्तों को सख्त निर्देश दिए हैं। उनके अनुसार, अवैध बूचड़खानों को तत्काल बंद किया जाएगा और धार्मिक स्थलों के आस-पास मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाएगा। यह निर्णय पूर्व में 2014 और 2017 में जारी आदेशों का अनुसरण करता है, जिनमें मांस की बिक्री को धार्मिक स्थलों के पास प्रतिबंधित किया गया था।
जिला स्तरीय समितियों का गठन
इस आदेश को प्रभावी बनाने के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों में पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशुपालन विभाग, परिवहन विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे। इन समितियों का कार्य आदेश का पालन सुनिश्चित करना, अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई करना और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस बिक्री को पूरी तरह से रोकना है।
अवैध पशु वध पर कड़ी कार्रवाई
योगी सरकार का यह कदम अवैध पशु वध और मांस की अवैध बिक्री के खिलाफ कड़ा संदेश भेजता है। अब धार्मिक स्थलों के पास इस तरह की गतिविधियों को पूरी तरह से निषेध किया जाएगा। यह निर्णय यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार का अवैध मांस व्यापार या पशु वध न हो, जिससे राज्य में स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
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