आयोग का निर्णय और इसके असर
बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष आमिर सुबहानी, सदस्य पुरुषोत्तम सिंह यादव और सदस्य अरुण कुमार सिन्हा ने इस फैसले की घोषणा की। अध्यक्ष आमिर सुबहानी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का संयुक्त शुद्ध एआरआर (आवश्यक राजस्व निर्धारण) 30,645.26 करोड़ रुपये है, और इस वर्ष का अधिशेष 107.55 करोड़ रुपये अनुमोदित किया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और राज्य में बिजली वितरण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना है।
स्मार्ट मीटरों का महत्व
बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना का काम तेजी से हो रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली की खपत पर बेहतर निगरानी रखने का अवसर मिलता है। स्मार्ट मीटर वाले 62 लाख उपभोक्ताओं को इस निर्णय से प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, क्योंकि उन्हें 25 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। यह कदम न केवल बिजली वितरण में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं को अपनी खपत को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा।
अनुदान का भविष्य
इस फैसले के साथ, यह भी साफ किया गया है कि राज्य सरकार के द्वारा यदि वर्तमान समय की तरह उपभोक्ताओं को अनुदान जारी रखा जाएगा, तो बिजली दरों में और भी राहत मिलेगी। अनुदान की घोषणा के बाद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को 1 अप्रैल 2025 से सस्ती बिजली मिलेगी। यदि सरकार द्वारा अनुदान में कोई बदलाव किया जाता है, तो बिजली कंपनियां नई दरों का ऐलान करेंगी, जिससे उपभोक्ताओं को उचित दरों पर बिजली मिलती रहेगी।
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