1. रुद्रम-1 (Rudra-1):
रुद्रम-1 भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। यह मिसाइल खासतौर पर दुश्मन के रडार और संचार प्रणालियों को ट्रैक करने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है। रुद्रम-1 को भारतीय वायुसेना के विभिन्न विमानों जैसे सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, जगुआर, तेजस से लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल की सहायता से भारतीय वायुसेना दुश्मन की एयर-डिफेंस प्रणाली को पंगु बना सकती है, जिससे वायु क्षेत्र में भारतीय विमानों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होती है। रुद्रम-1 का परीक्षण 2018 में किया गया था।
2. रुद्रम-2 (Rudra-2):
रुद्रम-2, रुद्रम-1 का उन्नत संस्करण है, जो अधिक रेंज और सटीकता के साथ आता है। यह मिसाइल भी सुखोई-30 एमकेआई और मिराज 2000 जैसे विमानों से लॉन्च की जा सकती है। रुद्रम-2 की खासियत यह है कि यह किसी भी ऊंचाई से दुश्मन के रडार और संचार प्रणालियों को निशाना बना सकती है। इसकी सटीकता और रेंज में वृद्धि के साथ यह मिसाइल भारतीय वायुसेना को और भी शक्तिशाली बनाती है, क्योंकि यह दूर से ही दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर सकती है।
3. रुद्रम-3 (Rudra-3):
रुद्रम-3 रुद्रम-2 का और अधिक उन्नत संस्करण है। यह मिसाइल रुद्रम-2 से भी अधिक रेंज और सटीकता के साथ आती है। इसके द्वारा दुश्मन के रडार प्रतिष्ठानों, बंकरों, हवाई क्षेत्रों और विमान हैंगरों को लक्षित किया जा सकता है। रुद्रम-3 को सुखोई-30 एमकेआई और तेजस-MK2 जैसे आधुनिक विमानों से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित दुश्मन के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है, जिससे भारतीय वायुसेना को युद्ध में निर्णायक बढ़त मिल सकती है। रुद्रम-3 के विकास से भारत की रक्षा प्रणाली और अधिक आत्मनिर्भर बनी है।
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