रामनवमी पर मांस बिक्री और पशु वध पर प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश सरकार ने रामनवमी के दिन, पूरे राज्य में मांस व बिक्री और पशु वध पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, यह आदेश भी जारी किया गया है कि धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर भी कड़ी रोक लगाई जाएगी। यह फैसला राज्य में धार्मिक विविधता को ध्यान में रखते हुए, सार्वजनिक शांति और सौहार्द बनाए रखने की दृष्टि से लिया गया है।
मांस बिक्री पर प्रतिबंध: सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण
रामनवमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का महत्व विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अधिक होता है। हिंदू समुदाय के बहुत से लोग इस दिन उपवासी रहते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य इस दिन के धार्मिक महत्व को बनाए रखना और जनता की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना है।
अवैध बूचड़खानों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश जारी
इस फैसले के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध और अनाधिकृत बूचड़खानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है। यह निर्णय राज्य में खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ, मांस की अवैध और असुरक्षित बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है। सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे ऐसे बूचड़खानों को तुरंत बंद करें जो मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं।
सभी जिलों के पुलिस और प्रशासन के लिए निर्देश जारी
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और नगर आयुक्तों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे इस आदेश को सख्ती से लागू करें। प्रशासन की तरफ से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि धार्मिक स्थलों के पास किसी भी प्रकार की मांस बिक्री न हो और कोई अवैध बूचड़खाना न चले। पुलिस विभाग को भी इसे लेकर सतर्क रहने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
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