तिल की खेती और सरकार का समर्थन
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में तिल की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा तिल के बीजों पर अनुदान देने की योजना लागू की गई है, जिससे किसानों को कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाले बीज प्राप्त हो सकें। सरकार का उद्देश्य किसानों को तिल की खेती के प्रति आकर्षित करना और उन्हें एक बेहतर और लाभकारी विकल्प प्रदान करना है।
अनुदान की दरें क्या हैं?
10 वर्ष से कम गुणवत्ता वाले बीज पर 20 से 30 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। जबकि 10 वर्ष से अधिक गुणवत्ता वाले बीज पर 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। यह अनुदान किसानों को तिल की खेती में निवेश कम करने और ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका देता है। उच्च गुणवत्ता वाले बीजों पर अनुदान मिलने से किसान एक अच्छी और उत्पादक खेती कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है।
तिल की खेती से होने वाला लाभ
कृषि विभाग के प्रभारी अधिकारी नरेंद्र कुमार तिवारी के अनुसार, तिल की खेती से किसानों को अच्छा लाभ हो सकता है। उच्च गुणवत्ता वाले तिल के बीज खेतों में तैयार होने पर बाजार में 100 से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकते हैं। अगर किसान तकनीकी तरीकों से तिल की खेती करते हैं, तो एक बीघा जमीन से लाखों रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
सरकार के प्रयास और योजनाएं
प्रदेश सरकार किसानों को तिल की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता प्रदान कर रही है। बीज पर अनुदान देने के अलावा, सरकार किसानों को तिल की खेती के लिए तकनीकी जानकारी, कृषि से संबंधित प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों की सुविधाएं भी उपलब्ध करा रही है। इसके साथ ही, किसानों को कृषि रक्षा इकाइयों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो उन्हें बेहतर उत्पादन में मदद करते हैं।
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