टीचरों के ट्रांसफर की प्रक्रिया:
बिहार सरकार ने शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू करना शुरू कर दिया है। इसके तहत, शिक्षकों को अपनी ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए आवेदन ऑनलाइन करने की अनुमति दी गई है, जिससे एक ओर जहां ट्रांसपेरेंसी का माहौल बना है, वहीं दूसरी ओर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तबादले के लिए नियमों और प्रक्रिया का पालन हो।
इन शिक्षकों पर होगी कार्रवाई:
हालांकि, ट्रांसफर प्रक्रिया के बीच कुछ शिक्षक विभाग का चक्कर लगाने में लगे हुए थे, बिना अपने निर्धारित स्कूलों में नियमित रूप से उपस्थित हुए। यही कारण है कि अब विभाग ने इन शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। प्राथमिक निदेशक ने एक पत्र जारी करते हुए यह निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों का स्कूल में काम छोड़कर वे केवल ट्रांसफर के लिए विभाग में चक्कर लगा रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह कदम शिक्षा विभाग द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन सही तरीके से करें और किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपडेट:
इसके अलावा, विभाग ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों के प्रोफाइल को अपडेट करने की भी सख्ती दिखाई है। जिन शिक्षकों ने अपनी प्रोफाइल को अपडेशन के लिए आवश्यक आधार नंबर और अन्य संबंधित जानकारियां अपलोड नहीं की हैं, उन शिक्षकों को अब तीन दिनों के अंदर यह जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। यह कदम सरकारी शिक्षकों की जानकारी को ऑनलाइन रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि विभाग के पास सभी शिक्षकों का सही और अद्यतन डेटा हो। यह पोर्टल न केवल शिक्षक के बारे में जानकारी संग्रहित करेगा, बल्कि इससे शिक्षकों के ट्रांसफर प्रक्रिया में भी सहूलियत होगी।
ऑनलाइन शिकायतों का समाधान:
इसके साथ ही, अगर किसी शिक्षक का ट्रांसफर ऑनलाइन आवेदन के बावजूद नहीं हो पाता है, तो विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए एक और विकल्प उपलब्ध करवा दिया है। अब शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से अपनी समस्या दर्ज कर सकते हैं और शिकायतों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इससे शिक्षकों को अपनी समस्याओं के लिए अधिकारियों से सीधे संपर्क करने में सुविधा होगी, और विभाग भी मामले को जल्दी हल करने में सक्षम रहेगा।
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