जानें 1967 के युद्ध में कैसे भारतीय सेना ने चीनियों को मसल दिया था

न्यूज डेस्क: साल 1967 में भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा के पास भिड़ंत हुई थी। इस भिड़ंत में भारतीय सेना ने चीनियों को मसल कर रख दिया था। चीन आज भी इस युद्ध को नहीं भूल पाया होगा। आज इसी युद्ध की पूरी कहानी जानेंगे की इस युद्ध में क्या होता हैं। 
दरअसल इस युद्ध के बारे में बताते हुए रिटायर्ड कर्नल जीएम खान कहते हैं की नाथूला और चोला पास की सीमा पर बाड़ लगाने का काम चल रहा था। बाड़ लगाने के काम को रोकने के लिए चीन लगातार कोशिश कर रहा था। 

लेकिन 17वीं माउंटेन डिविजन के मेजर जनरल सागत सिंह की अगुआई में 18 राजपूत, 2 ग्रेनेडियर्स और पायनियर-इंजीनियर्स की एक-एक पलटन ने बाड़ लगाने के काम को अंजाम दे दिया। चीन में मना करने पर भी भारतीय सेना नहीं मानी। इसी दौरान दोनों देश के सैनिकों के बीच भिड़ंत हो गयी। 

1967 की इस लड़ाई में राजपूताना रेजीमेंट के मेजर जोशी, कर्नल राय सिंह, मेजर हरभजन सिंह, गोरखा रेजीमेंट के कृष्ण बहादुर, देवी प्रसाद ने यादगार लड़ाई लड़ी थी। जब लड़ाई के दौरान गोलियां खत्‍म हो गईं तो इन सभी ने अपनी खुखरी से कई चीनी अफसरों और जवानों को मौत के घाट उतार दिया। 

आपको बता दें की इस लड़ाई में भारत ने अपने 88 जवानों को खोया तो चीन के 340 जवान मारे गए और 450 घायल हुए। इस युद्ध में चीन की ऐसी पिटाई हुई की वो सपने में भी नहीं सोचा था। 

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