बता दें की यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब चीन ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक PL-15 मिसाइलें मुहैया कराई हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की वायुसेना अब इन्हीं मिसाइलों से अपनी हवाई ताकत बढ़ाने की कोशिश करेगी। लेकिन भारत की 'अस्त्र मार्क-2' इस चुनौती का बेहद सटीक जवाब बनकर सामने आई है।
स्वदेशी तकनीक से लैस है 'अस्त्र मार्क-2'
अस्त्र मार्क-2 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। इस मिसाइल में एक हाईटेक स्वदेशी सीकर (Seeker) लगाया गया है, जो दुश्मन के फाइटर जेट्स को हवा में ही "सूंघ" कर निशाना बना सकता है। यह मिसाइल 160 किलोमीटर तक के टारगेट को भेद सकती है, जो इसे PL-15 जैसी मिसाइलों से कहीं अधिक घातक बनाता है।
सुखोई और तेजस की ताकत बनेगी 'दोगुनी'
भारतीय वायुसेना पहले ही अपने सुखोई-30 एमकेआई और स्वदेशी तेजस फाइटर जेट्स में 'अस्त्र मार्क-1' मिसाइल का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रही है। अब विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही इन्हीं फाइटर जेट्स में 'अस्त्र मार्क-2' को भी तैनात किया जाएगा। इससे इन विमानों की मारक क्षमता और सटीकता में जबरदस्त इजाफा होगा।
कई सफल परीक्षण कर चुका है भारत
अस्त्र मार्क-2 के कई परीक्षण हाल के महीनों में किए गए हैं, जिनमें इस मिसाइल ने हवा में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसके सभी ट्रायल सफल रहे हैं और यह मिसाइल हर बार अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सफल रही है। सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सामरिक नज़दीकियों के बीच भारत की यह मिसाइल गेम-चेंजर साबित हो सकती है। 'अस्त्र मार्क-2' भारत को न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाता है, बल्कि यह पड़ोसी देशों को यह स्पष्ट संदेश भी देता है कि भारत अपनी हवाई सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
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