यह मिसाइल तीसरी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी से लैस है और सबसे अहम बात – यह "फायर एंड फॉरगेट" तकनीक पर काम करती है। यानी एक बार लॉन्च करने के बाद इसे लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए किसी मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होती। यह अपने टारगेट को खुद ट्रैक करती है और सटीकता से हमला करती है।
मुख्य युद्धक टैंकों की कब्रगाह बनेगा Nag Mk-2
Nag Mk-2 को खासतौर पर मुख्य युद्धक टैंकों (Main Battle Tanks) को ध्वस्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी मारक क्षमता इतनी जबरदस्त है कि यह किसी भी आधुनिक बख्तरबंद वाहन को पल भर में तबाह कर सकती है। खास बात यह है कि यह मिसाइल दिन हो या रात, बारिश हो या धूलभरी आंधी – हर मौसम और हर परिस्थिति में प्रभावी रूप से काम करती है।
पाकिस्तान के लिए बढ़ी चिंता
विशेषज्ञ मानते हैं कि Nag Mk-2 की तैनाती से भारत को पश्चिमी सीमा पर भारी बढ़त मिलेगी, जहां पाकिस्तान अक्सर अपने टैंक रेजीमेंट्स की धौंस दिखाने की कोशिश करता रहा है। इस मिसाइल की मौजूदगी में पाकिस्तानी टैंक अब युद्ध के मैदान में ज्यादा देर टिक नहीं पाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत की मिसाइल
Nag Mk-2 केवल एक हथियार नहीं, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर रक्षा नीति की एक जीती-जागती मिसाल है। इसका निर्माण पूरी तरह से भारत में किया गया है और यह आने वाले समय में दुश्मनों के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती है।
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