खबर के अनुसार अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियां रूस की मदद से विकसित की जा रही हैं, और इस प्रकार की दो पनडुब्बियां पहले से ही भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं। वहीं, पनडुब्बी एस-4 की लॉन्चिंग की गोपनीयता यह दर्शाती है कि भारत अपनी सैन्य प्रौद्योगिकी और क्षमताओं को मजबूती से विकसित कर रहा है, खासकर ऐसे समय में जब क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं।
भारत की पहली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत:
यह भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी।
जलावतरण: 26 जुलाई, 2009।
रेंज: 750 किमी की के-15 परमाणु मिसाइलें।
साल 2016 में नौसेना में शामिल हुई।
भारत की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट:
दूसरी पनडुब्बी, जो 2017 में लॉन्च हुई।
29 अगस्त, 2023 को नौसेना में शामिल हुई।
भारत की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिदमन:
तीसरी पनडुब्बी, लॉन्च 23 नवंबर, 2021
आईएनएस अरिहंत से 13.8 मीटर बड़ी।
कम से कम 8 के-4 बैलिस्टिक मिसाइलें ले जा सकती है।
भारत की चौथी परमाणु पनडुब्बी।
लॉन्चिंग का समय: 16 अक्टूबर, 2023,
परमाणु पनडुब्बी एस-4 3,500 किमी. रेंज में एक साथ 8 के-4 बैलिस्टिक मिसाइल दागने में सक्षम है।
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