यूपी में 'सरकारी जमीन' से जुड़े हैं ये 5 कड़े नियम

लखनऊ: सरकारी जमीन वह भूमि होती है जो राज्य या केंद्र सरकार के स्वामित्व में होती है। इसका उपयोग सरकार के द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसे लेकर राज्य सरकार के नियम और कानूनों का पालन करना आवश्यक होता है।

यूपी में 'सरकारी जमीन' से जुड़े हैं ये 5 कड़े नियम। 

1 .अवैध कब्ज़ा: सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने वालों को कानून से कोई सुरक्षा नहीं मिलती। सरकार ऐसे कब्ज़ों को हटाने का अधिकार रखती है।

2 .मुआवज़ा: अगर कोई व्यक्ति सरकारी ज़मीन पर लंबे समय से निवास कर रहा है (जैसे 30 साल), तो उसे मुआवज़ा मिल सकता है, लेकिन यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि उसने कब्ज़ा कैसे स्थापित किया।

3 .पट्टे के लिए आवेदन: सरकारी ज़मीन पर पट्टा प्राप्त करने के लिए संबंधित विभाग में आवेदन करना पड़ता है। इसमें निम्नलिखित दस्तावेज़ शामिल होते हैं: पहचान पत्र, निवास प्रमाण, ज़मीन के उपयोग की योजना आदि।

4 .जांच प्रक्रिया: उत्तर प्रदेश में सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े का कोई भी तरीका, चाहे वह कितना भी पुराना हो, अवैध ही माना जाता हैं। जांच के बाद इसे खाली कराया जा सकता हैं। 

5 .क़ानूनी कार्रवाई यदि किसी सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण किया जाता है तो तहसील की ओर से अतिक्रमी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती हैं।

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