हेल्थ डेस्क: साइंस की बात करें तो जब कोई महिला गर्भवती होती हैं तो कुछ समय के बाद एक बच्चे को जन्म लेती हैं। यूनिवर्सिटी और केन्ट पोस्टनेटल डिप्रेशन पर किये गए एक रिसर्च में एक बात निकल कर सामने आयी की जो महिला लड़के को जन्म देती हैं वो बहुत जल्द डिप्रेशन का शिकार हो जाती उनमे डिप्रेशन से ग्रसित होने की छमता अधिक होती हैं । आज इसी संदर्भ में इस रिसर्च के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे की आखिर क्या कारण की लड़के को जन्म देने वाली महिलाओं में डिप्रेशन का खतरा सबसे अधिक होता हैं। तो आइये जानते हैं विस्तार से।
रिसर्च, यूनिवर्सिटी और केन्ट में किये गए एक रिसर्च के अनुसार जब महिलाओं के गर्भाशय में लड़के का विकास होता हैं तो उसमे लड़कियों के मुकाबले ज्यादा जटिलताएँ आती हैं। और वो महिलाएं धीरे धीरे पोस्टनेटल डिप्रेशन यानि पीएनडी का शिकार हो जाती हैं। इतना हीं नहीं इस रिसर्च को करने के लिए वैज्ञानिकों ने 296 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया। इस महिलाओं में जो महिलाएं लड़के को जन्म दी उनके दिमाग के लड़कियों को जन्म देने वाले महिलाओं के मुकाबले स्ट्रेस और तनाव ज्यादा देखा गया।
यूनिवर्सिटी और केन्ट के डॉक्टर सारा जोन्स और डॉक्टर मर्यास का इस बारे में कहना हैं की वैसी महिलाएं जो लड़के को जन्म देती हैं उनके शरीर में डिप्रेशन होने का खतरा 71 फीसदी होता हैं। तो वही लड़की को जन्म देने वाली महिलाओं में डिप्रेशन का खतरा 49 फीसदी हीं होता हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोनिक बदलाव होता हैं। लड़के को जन्म देने के बाद महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स के स्तर में कमी आ जाती हैं जिससे महिलाएं मानसिक रूप से अस्वस्थ रहने लगती हैं और वो डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं।
इससे बचने के लिए महिलाओं को बच्चे जन्म देने के बाद वैसे खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। जिसमे आयरन, कैल्शियम और फाइबर के साथ साथ पोषक तत्वों की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती हो। इससे महिलाओं का शरीर भी सेहतमंद रहता हैं तथा उनमे डिप्रेशन का भी खतरा कम जाता हैं। साथ हीं साथ इस डिप्रेशन से बचाने के लिए महिलाएं डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं।
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