जम्मू कश्मीर में आरक्षण के खिलाफ कांग्रेस की साजिश

न्यूज डेस्क: जम्मू और कश्मीर में आरक्षण  को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ये घोषणा की हैं की सत्ता में आने के बाद जम्मू और कश्मीर में आरक्षण नीति की समीक्षा करेंगे। इस घोषणा के साथ ही लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा हैं की क्या कांग्रेस आरक्षण के खिलाफ कोई साजिस कर रही हैं।

आरक्षण और अनुच्छेद 370 पर खतरा। 

साक 2019 में जब केंद्र की मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 हटाया तब से जम्मू-कश्मीर के वाल्मीकि, गुज्जर-बकरवाल और पहाड़ी समुदायों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी। यह समुदाय जो सालों से अधिकारों से वंचित थे, उन्हें सरकारी नौकरियों और अन्य अवसरों में भागीदारी मिली। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का घोषणापत्र इस प्रगति को खतरे में डाल रहा है। 

राहुल गांधी की चुप्पी और कांग्रेस की साजिश। 

दरअसल राहुल गांधी, जो खुद को संवैधानिक मूल्यों का रक्षक बताते हैं, लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर खामोश हैं। उनकी चुप्पी कांग्रेस की असल मंशा पर सवाल खड़े करती है। यह कांग्रेस के पुराने इतिहास के साथ मेल खाता है, जब पार्टी ने अतीत में भी दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के खिलाफ काम किया है। 

जम्मू कश्मीरको  लेकर कांग्रेस की नीतियां। 

यह स्पष्ट है कि अनुच्छेद 370 का हटाया जाना सिर्फ राजनीतिक बदलाव नहीं था, बल्कि यह सामाजिक प्रगति की दिशा में एक बड़ा कदम था। लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस की जम्मू कश्मीर को लेकर नीतियां आरक्षण को खतरे में डाल सकता हैं। इससे गरीबों को नुकसान हो सकता हैं।

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