बिहार में जमीन के 'रजिस्टर्ड' बंटवारे ही मान्य होंगे

पटना: बिहार में जमीन के रजिस्टर्ड बंटवारे का प्रावधान महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भूमि के अधिकारों को स्पष्ट करने और विवादों से बचने में मदद करता है। रजिस्टर्ड बंटवारा के माध्यम से, जमीन के मालिकाना हक को कानूनी रूप से मान्यता मिलती है, जिससे बाद में किसी प्रकार का विवाद या विवादास्पद स्थिति उत्पन्न होने की संभावना कम हो जाती है।

खबर के अनुसार बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के दौरान सरकार ने साफ कर दिया हैं की राज्य में जमीन का 'रजिस्टर्ड' बंटवारा ही मान्य होगा। यानि की यदि आप आपसी सहमति से बंटवारा करते हैं तो आपको जमीन की रजिस्ट्री अनिवार्य रूप से करानी होगी।

बिहार में जमीन के 'रजिस्टर्ड' बंटवारे ही मान्य होंगे?

1 .बिहार में जमीन का बंटवारा सिर्फ़ मौखिक तौर पर किया गया हैं तो इसे मन्यता नहीं मिलेगी।

2 .अगर जमीन का बंटवारा सिर्फ़ मौखिक तौर पर हुआ है, तो सर्वे करने वाले अधिकारी उसे मान्य नहीं करेंगे। 

3 .यदि सर्वे के दौरान ही बंटवारे को मान्यता मिल जाती है और नया खतियान भी उसी हिसाब से तैयार हो जायेगा। 

4 .अगर आपके पास पुश्तैनी ज़मीन है और उसका बंटवारा सिर्फ़ मौखिक तौर पर हुआ है, तो आपको सर्वे के दौरान दिक्कत हो सकती है। 

5 .बिहार में ज़मीन के सर्वे के दौरान भी बंटवारा किया जा सकता है। इसके लिए, ज़रूरी है कि आपसी सहमति बनी हो। फिर बंटवारे को मान्यता मिलेगी और नया खतियान भी बनेगा।

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