लेकिन उनकी कामयाबी आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि लगन और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनका यह सफर न केवल उनके व्यक्तिगत सफलता का परिणाम है, बल्कि यह बिहार के लोगों के लिए भी गर्व का विषय हैं।
बिहार के इस जीनियस की खास बातें :
जन्म और प्रारंभिक शिक्षा: तुलसी का जन्म 9 सितंबर, 1987 को बिहार में हुआ। उन्होंने महज 9 साल की उम्र में स्कूल की पढ़ाई पूरी की, जो उनके असाधारण मेधा को दर्शाता है।
उच्च शिक्षा: 11 साल की उम्र में पटना साइंस कॉलेज से बीएससी और 12 साल की उम्र में एमएससी की डिग्री हासिल की। यह बहुत कम उम्र में इतनी ऊँची शैक्षणिक उपलब्धियाँ हैं।
पीएचडी: इसके बाद उन्होंने बैंगलोर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से पीएचडी की, जो उनके ज्ञान और अनुसंधान में गहराई को दर्शाता है।
शिक्षण अनुभव: साल 2010 में, आईआईटी मुंबई में उन्होंने प्रोफ़ेसर के पद पर ज्वाइन किया और फिर उन्होंने यहां IIT के बच्चों को पढ़ाया।
स्वास्थ्य समस्याएँ: 2011 में, तुलसी को बुखार और एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें आईआईटी मुंबई से चार साल का ब्रेक लेना पड़ा और फिर वो बाद में आईआईटी मुंबई को छोड़कर दिए।
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