नई व्यवस्था से क्या बदलाव आएगा?
1 .नियोक्ता का हस्तक्षेप खत्म
पहले कर्मचारी को पुराने नियोक्ता की मंजूरी पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन नए सिस्टम के तहत, जैसे ही आप नई कंपनी में ज्वॉइन करेंगे, आपका पुराना पीएफ बैलेंस अपने आप नए खाते में ट्रांसफर हो जाएगा।
2 .फॉर्म-13 की जरूरत नहीं
अब पीएफ ट्रांसफर के लिए किसी भी तरह का फॉर्म भरने या दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। पहले जहाँ यह प्रक्रिया महीनों लेती थी, अब यह केवल 3 से 5 दिनों में पूरी हो जाएगी।
3 .ब्याज का नुकसान नहीं
ट्रांसफर में देरी के कारण पहले कई बार ब्याज में कमी या गड़बड़ी हो जाती थी। लेकिन ऑटोमैटिक सिस्टम से आपका पैसा लगातार बढ़ता रहेगा और रिटायरमेंट पर पूरा फंड सुरक्षित रहेगा।
कर्मचारियों को मिलने वाले फायदे
लंबी कागजी प्रक्रियाओं से मुक्ति।
समय की बचत और मानसिक तनाव में कमी।
नौकरी बदलने के बावजूद आर्थिक सुरक्षा में कोई बाधा नहीं।
रिटायरमेंट के समय फंड का पूरा और सही ब्याज सहित उपलब्ध होना।

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