यूपी में 'शिक्षकों' के लिए बड़ा अपडेट, 25 दिसंबर तक मौका!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड डिग्रीधारी सहायक अध्यापकों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। अब ऐसे सभी शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक शिक्षा (ब्रिज) कोर्स करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप लागू की गई है और इसके तहत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा छह माह का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।

कितने शिक्षकों पर पड़ेगा असर

प्रदेश में लगभग 35 हजार बीएड योग्यताधारी शिक्षक वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं। इन सभी को तय समय सीमा के भीतर ब्रिज कोर्स के लिए पंजीकरण कराना और कोर्स पूरा करना जरूरी होगा। इसके लिए 25 दिसंबर 2025 को अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

शिक्षा विभाग ने दिए स्पष्ट निर्देश

बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में कार्यरत बीएड शिक्षकों को समय रहते पंजीकरण कराने के लिए सूचित करें। उद्देश्य यह है कि कोई भी शिक्षक अनजाने में समय सीमा चूक न जाए और भविष्य में उनकी नौकरी पर संकट न आए।

सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या है

सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त ऐसे बीएड शिक्षक, जिनकी नियुक्ति नियमों के तहत हुई है, उनकी सेवाएं सुरक्षित रहेंगी। हालांकि, इसके लिए ब्रिज कोर्स पूरा करना अनिवार्य शर्त होगी। यदि कोई शिक्षक निर्धारित समय में यह कोर्स पूरा नहीं करता है, तो उसकी नियुक्ति को अमान्य माना जा सकता है।

ऑनलाइन माध्यम से होगा कोर्स

यह पूरा ब्रिज कोर्स ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) मोड में कराया जाएगा, जिससे शिक्षक नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई कर सकें। पंजीकरण के लिए शिक्षक bridge.nios.ac.in वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। किसी तकनीकी परेशानी की स्थिति में bridgesupport@nios.ac.in पर ईमेल के माध्यम से सहायता भी ली जा सकती है।

शुल्क और पाठ्यक्रम की जानकारी

एनआईओएस द्वारा इस कोर्स के लिए पंजीकरण शुल्क: 1,000 रुपये, परीक्षा शुल्क: 24,000 रुपये निर्धारित किया गया है। कुल मिलाकर यह 20 क्रेडिट का कोर्स होगा, जिसमें बाल विकास एवं शैक्षिक मनोविज्ञान, शिक्षण विधियां, पाठ्यक्रम और मूल्यांकन, भाषा व गणित की शिक्षाशास्त्र, पर्यावरण अध्ययन तथा विद्यालय आधारित अनुभव जैसे विषय शामिल हैं।

0 comments:

Post a Comment