आयोग का काम सिर्फ वेतन बढ़ाना नहीं
8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता कर रही हैं सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना देसाई। आयोग का काम केवल वेतन वृद्धि की सिफारिश करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि देश की अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। आयोग को बेसिक पे, अलग-अलग भत्ते, पेंशन नियम और रिटायरमेंट लाभों सहित सेवा शर्तों का भी विस्तृत अध्ययन करना है। सरकार ने आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 18 महीने का समय दिया है।
ग्रेड पे 1900 वालों की संभावित सैलरी
अभी तक की गणनाओं के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ग्रेड पे 1900 वाले कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.92 लागू होता है, तो बेसिक सैलरी 54,528 रुपये होगी। इसके साथ 13,086 रुपये HRA और 3,600 रुपये TA जोड़ने पर ग्रॉस सैलरी बनती है 71,215 रुपये। NPS और CGHS कटौती के बाद कर्मचारियों के हाथ में लगभग 65,512 रुपये आएंगे।
यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया जाता है, तो बेसिक सैलरी 72,988 रुपये तक पहुंच जाएगी। सभी भत्ते और कटौतियों के बाद नेट सैलरी 86,556 रुपये के करीब होगी। हालांकि अभी ये अनुमान है, पूरी जानकारी सरकार के आधिकारिक घोषणा के बाद ही मिलेगी।
आर्थिक और कर्मचारी दृष्टिकोण
आयोग की सिफारिशें न केवल कर्मचारियों के लिए राहत होंगी, बल्कि इससे सरकारी खजाने पर भी असर पड़ेगा। इसलिए आयोग हर पहलू पर सावधानीपूर्वक विचार कर रहा है। कर्मचारी और पेंशनभोगी दोनों इस समय उम्मीद और उत्सुकता के साथ आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
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