1 .दाखिल-खारिज (Mutation) की स्थिति:
सिर्फ रजिस्ट्री कराना पर्याप्त नहीं। रजिस्ट्री के 90 दिनों के भीतर दाखिल-खारिज कराना अनिवार्य है। सुनिश्चित करें कि विक्रेता के नाम पर जमीन का दाखिल-खारिज सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो।
2 .स्वामित्व और टाइटल डीड:
विक्रेता के पास संपत्ति का स्पष्ट और वैध मालिकाना हक (Title/Mother Deed) होना चाहिए। तभी आप उस जमीन की खरीदारी करें।
3 .भार-मुक्त प्रमाण पत्र:
बिहार में किसी भी तरह के जमीन की खरीदारी करते समय यह जांचें कि संपत्ति पर कोई बकाया ऋण, गिरवी या कानूनी दावा न हो।
4 .खसरा-खतौनी और नक्शा:
जमीन का खसरा नंबर, कुल क्षेत्रफल और सीमाओं की जानकारी स्थानीय राजस्व कार्यालय या biharbhumi.bihar.gov.in पोर्टल से जांचें।
5 .भूमि का प्रकार और मंज़ूरी:
देखें कि जमीन आवासीय, कृषि या व्यावसायिक है। यदि घर या व्यावसायिक निर्माण करना है, तो गैर-कृषि उपयोग के लिए उचित प्रमाण पत्र और मंजूरी हो।
6 .पैसा भुगतान का तरीका:
जमीन खरीदते समय बड़े नकद लेनदेन से बचें। आप पैसों की भुगतान चेक या डिजिटल माध्यम से करें ताकि लेनदेन का स्पष्ट रिकॉर्ड रहे।

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