योजना का उद्देश्य
बिहार सरकार का उद्देश्य बागवानी आधारित कृषि को बढ़ावा देना और फूलों की खेती को किसानों के लिए लाभकारी व्यवसाय बनाना है। गेंदा फूल की खेती न केवल धार्मिक और सजावटी मांग के लिए उपयोगी है, बल्कि इत्र और अन्य उद्योगों में भी इसकी अच्छी मांग रहती है। कम लागत में उच्च लाभ अर्जित करने के लिए यह किसानों के लिए सुनहरा अवसर है।
कौन उठा सकता है लाभ?
योजना का लाभ राज्य के सभी 38 जिलों के किसान उठा सकते हैं।
किसान के पास गेंदा फूल की खेती के लिए जमीन होना आवश्यक है।
जिनके पास भूमि नहीं है, वे एकरारनामा के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए LPC और अपडेटेड रसीद होना अनिवार्य है।
भूमि का न्यूनतम क्षेत्र 0.1 हेक्टेयर और अधिकतम 2 हेक्टेयर होना चाहिए।
अनुदान की राशि
गेंदा खेती पर अनुदान: प्रति हेक्टेयर गेंदा उत्पादन की इकाई लागत ₹80,000 निर्धारित की गई है। इस लागत का 50% यानी ₹40,000 प्रति हेक्टेयर किसानों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
मालवाहक वाहन पर अनुदान: गेंदा फूल की ढुलाई और परिवहन के लिए किसानों को मालवाहक वाहन पर 50% अनुदान दिया जाएगा। वाहन की अनुमानित लागत ₹6,50,000 होने पर 50% यानी ₹3,25,000 या वाहन के वास्तविक मूल्य का 50%, जो कम हो, वह अनुदान के रूप में दिया जाएगा। वाहन के लिए आवेदन में कोटेशन, जमीन के दस्तावेज और गेंदा फूल की खेती से संबंधित एकरारनामा अपलोड करना अनिवार्य होगा।
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