राज्य स्वास्थ्य संस्थान लखनऊ, क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रशिक्षण संस्थान झांसी और वाराणसी तथा जिला संयुक्त चिकित्सालय नोएडा में अब तक 200 से अधिक नर्सों को इस विशेष कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह प्रशिक्षण नर्सों को केवल मरीजों की देखभाल तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उन्हें कैंसर की प्रारंभिक पहचान के व्यावहारिक तरीकों से भी परिचित कराता है।
इस पहल के तहत 12 दिनों का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें संविदा और नियमित दोनों प्रकार की नर्सें शामिल हैं। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, जोखिम कारक, प्राथमिक जांच विधियां और मरीजों को सही समय पर चिकित्सक तक पहुंचाने की प्रक्रिया सिखाई जा रही है। इसके साथ ही नवनियुक्त एएनएम को भी 12 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को कैंसर की शुरुआती पहचान और बचाव के प्रति जागरूक कर सकें।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर मामलों में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर सबसे अधिक हैं। हर वर्ष ब्रेस्ट कैंसर से 90 हजार से अधिक महिलाओं की मृत्यु होती है और कुल महिला कैंसर मामलों में इसकी हिस्सेदारी लगभग 28 प्रतिशत है। वहीं, सर्वाइकल कैंसर के करीब 1.27 लाख नए मामले हर साल सामने आते हैं और लगभग 80 हजार महिलाओं की जान इस बीमारी से जाती है। ये आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि समय पर जांच और जागरूकता कितनी जरूरी है।
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